sidh kunjika Fundamentals Explained
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा बॉलीवुड
On chanting generally speaking, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we listen, and the more we attune more info ourselves on the vibration of what's being mentioned, then the greater we will inculcate that Frame of mind. Our intention amplifies the Angle.”
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.